दिसम्बर २००६ को मैंने अपने ब्लॉग को ब्लॉगर पर रजिस्टर कराया था . उस समय पता नहीं था कि हिंदी में भी ब्लॉग्गिंग प्रारंभ हो गयी है. नाम जरूर हिंदी में रखा था "संस्कृति " उस पल में न जाने कौनसा विचार था जिसने इस नाम को सामने किया . आज देखें तो हम इसी पर विचार कर रहे हैं . कुछ इसे कविता के रूप में कोई कहानी के रूप में . सभी अपना योगदान कर रहे हैं छोटे बड़े रूप में अपनी अपनी तरह से .
मेरी मुलाकात हुई एक कांफेरंस के सिलसिले में अनिल पुसदकर से हुई कई बार चर्चाएं हुईं . डॉ अजय सक्सेना जो माध्यम हुए इस मुलाकात के, ने मुझे सुझाव दिया अपना ब्लॉग लिखने के लिए . ध्यान आया मैंने एक ब्लॉग तो रजिस्टर किया था . जाकर देखा तो वह अपनी जगह था शायद मेरी राह देखते हुए :) फिर तो जो सिलसिला शुरु हुआ जारी है. अनिल ने मुझे अपने ब्लॉग के जरिये सामने रखा ब्लॉगजगत के http://anilpusadkar.blogspot.com/2009/04/blog-post_05.html नए दूर और पास के लोगों से जानकारी मिलने और सम्पर्क करने का . कुछ मौके ऐसे भी आ गए जिनमे तल्खी का सामना करना पड़ा लेकिन जीवन है और उसके सतरंग. कल मुझे आमंत्रण मिला पहला अहसास से जुड़ने का, धन्यवाद इस नयी शुरुआत से जुड़ने का .
4 टिप्पणियाँ:
Is shuruaat ke liye badhaayi.
वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाएं, राष्ट्र को उन्नति पथ पर ले जाएं।
SWAGAT HAI AAPKA. Ab TAKHI NAHIN MILEGI............BADHAI.
chaliye aapne kisii tarah shuruaat to ki.BADHAI
एक और नयी शुरुआत के लिए शुभकामनायें ..!!
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