हार गयी वर्ल्ड कप में लंका ,
बजा क्रिकेट में भारत का डंका ।
मैच फायनल, था क्या हाल ?
अंतिम क्षण तक मन बेहाल ।
सबका रहा धड़कता दिल ,
जबतक जीत गयी नहीं मिल।
सबने अच्छी क्रिकेट खेली ,
सबकी अपनी-अपनी शैली ।
पलड़ा कभी, किसी का झुकता,
हर दर्शक का ह्रदय उछलता ।
जब हुए सहवाग,सचिन आउट ,
लगा जीत में अब है डाउट ।
गौतम निकले अति गंभीर,
भारत की अच्छी तक़दीर ।
था विराट का सुखद प्रयास ,
जिससे बधीं जीत की आस ।
फिर धोनी की सुन्दर पारी ,
जिससे बिखरीं खुशिया सारी ।
किया बालरों ने भी कमाल ,
फील्डिंग से रहे विरोधी बेहाल ।
वर्ष अठाईस का इंतजार ,
ख़त्म किया कैप्टन ने छक्का मार।
सर्वश्रेष्ठ अपना युवराज ,
हर भारतवासी को नाज ।
हुईं ख़ुशी से आँखें नम ,
आखिर जीते वर्ल्ड कप हम ।
रूप कोई भी हो क्रिकेट का ,
भारत अब है नंबर वन ।
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रविवार, 3 अप्रैल 2011
बजा क्रिकेट में भारत का डंका ।
प्रस्तुतकर्ता Dr.Aditya Kumar पर 1:43 pm
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1 टिप्पणियाँ:
सर्वश्रेष्ठ अपना युवराज ,
हर भारतवासी को नाज ।
bhut hi achchi rachna.
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