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रविवार, 19 फ़रवरी 2012

पहली बार मतदान का एहसास बड़ा मीठा-मीठा


आज पहली  बार वोट देने का शुभ अवसर प्राप्त हुआ, ऐसा नहीं है कि इसी साल  हम  १८ के हुए हैं, बिलकुल ऐसा नहीं है लेकिन कुछ ऐसा रहा कि अभी तक हमें  वोट देने का मौका नहीं मिला..........19th फरवरी का इंतज़ार था...बस!!........18th से ही ये सोच में थे कि कौन से रंग का ड्रेस पहन कर वोट देने जाएँ... आखिर हमारे  लिए तो एक उत्सव सरीखा तो था ही.
मेरी एक फ्रेंड ने मुझे सुझाया और हमने भी उसकी बात मान ली. सुबह-सुबह जल्दी से उठे और जल्दी से तैयार हो गए....लेकिन पापा ने कहा, अरे अभी नहीं १२-१२:३० बजे चलना.... फिर कैसे टाइम पास करें.......अच्छा चलो पेपर पढ़ लेते हैं...पेपर पढ़ा, एक कप काफी पी तब तक १२ बजा किसी तरह........!!
मै, पापा, माँ तीनो लोग साथ निकले....हम कार से नहीं गए क्योकि हमारे घर के करीब  में ही जाना था सो हम व्हील चेयर से ही थे....
वहां पहुंचे तो, क्योकि ये पहली बार था तो हम थोडा असहज महसूस कर रहे थे...फिर भी खुश बहुत  थे....वहां व्हील चेयर वालों के लिए कोई व्यवस्था न देख कर थोडा दुःख हुआ क्योकि मुझे यकीन था कि हमारे जैसे लोगो के बारे में सोचा गया होगा....लेकिन ऐसा कुछ नहीं था यहाँ  तक कि कोई गार्ड भी मदद के लिए नही था........एक सज्जन  ने ये कहा भी कि बताइए ऐसे लोगों के लिए ट्रैक होना चाहिए, ऐसा नहीं कि बजट नहीं आता लेकिन सब चोरी.......खैर! हमलोग मुस्कुराये और चल दिए आगे.....
वहां ४ सीढियाँ चढ़नी थी तो एक भैया वो भी वोट देने आये थे उन्होंने  पापा की मदद की. हम उस रूम में पहुंचे……….मेरा  कार्ड देखा गया फिर मुझसे दस्तखत करवाए गए, उसके बाद मेरी उंगली  पर स्याही से निशान किया गया, जिसका मुझे बहुत इंतज़ार था.....हा हा हा. इसके बाद एक पर्ची देनी थी. एक कोई महाशय वहां बैठे थे, उनको पर्ची  देने गई तो वो मुझे ही देखते रह गए. मेरे पीछे कई लोग थे जब उनलोगों ने आवाज़ लगाई तो उनका ध्यान मेरे उपर से हटा.
इसके बाद हम उस मशीन के पास पहुँच ही गए जहाँ मुझे अपनी ज़िम्मेदारी निभाने का अवसर प्राप्त हुआ......बड़े ही ध्यानपूर्वक हमने अपना फ़र्ज़ अदा किया और मस्ती से चल दिए..........घर आते वक़्त जो भी जान-पहचान का मिलता उससे हम अपने वोट देने का सबूत दिखाते हुए घर पहुँच गए..........
ये मेरे ज़िन्दगी का पहला एहसास था वोटिंग का.............जिसे हम अपने दिल-ओ-दिमाग  में सहेज कर रखेंगे....!
एक खास बात और आज की जो डेट थी वो मेरी बर्थडे डेट भी है, केवल डेट........हा हा हा..!! ये भी एक सुखद इत्तेफाक है..याद रखने के लिए!!!


1 टिप्पणियाँ:

Madan Mohan Saxena ने कहा…

बहुत सुंदर भावनायें और शब्द भी.बेह्तरीन अभिव्यक्ति !शुभकामनायें.